कोरोना लॉकडाउन के बीच प्रवासी नागरिकों को उनके गृह राज्य पहुंचने के लिए भारतीय रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है। भारतीय रेलवे ने शनिवार को कहा कि 15 मई की मध्यरात्रि तक 14 लाख से अधिक लोगों को ट्रेनों के जरिए उनके गृह राज्यों में वापस भेजा गया है। रेलवे ने कहा कि श्रमिकों को वापस भेजने के लिए देशभर में 1074 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। पिछले 3 दिनों के दौरान, हर दिन 2 लाख से अधिक लोगों को भेजा जा रहा है।

भारतीय रेल को पिछले 15 दिन में प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए राज्यों से 1,000 से ज्यादा ट्रेनों के परिचालन की अनुमति मिली है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश लौटे हैं, वहीं अपने लोगों को वापस बुलाने में बिहार दूसरे नंबर पर है।

आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने आठ, राजस्थान ने 23, झारखंड ने 50 और ओडिशा ने 52 ट्रेनों के परिचालन की अनुमति दी है। भारतीय रेल कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है।

श्रमिकों की वापसी के बीच कुछ राज्य ऐसे भी हैं जो कि अपने यहां ज्यादा ट्रेनें आने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। यहां तक की रेल मंत्री पीयूष गोयल भी यह आरोप लगा चुके हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए कई गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों से सहयोग न मिलने का आरोप लगाया है। पीयूष गोयल ने कहा कि इससे मैं दुखी हूं कि कई राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड अपने राज्यों में पर्याप्त संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को आने की इजाजत नहीं दे रही है।