मुंबई से लौटे सैकड़ों यात्री स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गए हैं। बिना जांच इन यात्रियों के गंतव्य तक पहुंचने से जिलों व गांवों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने सभी को 14 दिन कोरेंटाइन रहने के निर्देश दिए हैं। अब सवाल यह उठता है कि गांवों में जा चुके इन लोगों तक यह संदेश कैसे पहुंचेगा?

कोरोना संक्रमण फैलने के बाद मुंबई सरकार ने प्रदेश से बाहर के लोगों को जाने का आदेश दिया। रविवार को पुष्पक से सैकड़ों की संख्या में लोग लखनऊ पहुंचे। यहां से यात्री प्रदेश के दूसरे जिलों के गांव में भेजे गए। इन यात्रियों की जांच नहीं हुई। न ही इन्हें 14 दिन एकांत में रहने की सलाह दी गई। ऐसे में यदि किसी एक भी संक्रमण हुआ तो वह दूसरों को बीमार बनाने के लिए काफी है।
रेलवे समेत दूसरे विभाग की लापरवाही से स्वास्थ्य विभाग में बेचैनी बढ़ गई है।

स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. रूकमकेश के मुताबिक मुंबई से लौटे यात्रियों की निगरानी के लिए सभी जिलाधिकारियों से गुजारिश की गई है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर ऐसे लोगों की निगरानी करेंगे। जिनमें लक्षण पाए जाएंगे उनकी जांच कराई जाएगी। जबकि एहतियातन सभी को 14 दिन कोरेंटाइन रहने की सलाह दी जाएगी। यात्रियों की खोजबीन के लिए रोडवेज से भी मदद ली जाएगी। ताकि आसानी से यात्रियों का पता लगाया जा सके।