प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा की तो गोरखपुर में रहने वाले बिहार प्रांत के दिहाड़ी मजदूरों में हड़कंप मच गया। दिहाड़ी मजदूर गोरखपुर-नरकटियागंज रेल ट्रैक के रास्ते बिहार प्रांत के कटिहार के लिए जाते हुए दिखाई दिये। मंगलवार की देर शाम इन दिहाड़ी मजदूरों का एक जत्था खड्डा कस्बा पार कर पनियहवा की तरफ बढ़ा, जिन्हें किसी ने रोका नहीं।

रेलवे पटरी पकड़कर कटिहार जा रहे मजदूरों के जत्था में शामिल मुकीम, सिराज, साउद, आलम, करजू, फिजूल, हाफिजुर, प्रमोद, गुलशन, रिजवान, सूरज, श्यामलाल, चिंटू, कटारू आदि ने बताया कि हमें 14 अप्रैल को लॉकडाउन हटने तथा ट्रेन चलने की उम्मीद थी। लेकिन लॉकडाउन बढाए जाने से उनकी उम्मीद टूटी तो वे पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। उन्होंने बताया कि रात दस बजे तक हम लोग लगातार चलेंगे। इसके बाद मार्ग में कहीं रुक कर आराम करेंगे।

उन्होंने बताया कि गोरखपुर से गांव की दूरी लगभग 569 किमी है। लगभग आठ से नौ दिन में पैदल हम लोग अपने गांव पहुंचने की उम्मीद करते हैं। सुबह खाना खाकर चले थे रास्ते में कुछ दुकानें खुली थीं तो बिस्कुट आदि भी खरीद कर खाएं हैं। रेल ट्रैक पर पड़े कंकड़ों पर पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। लेकिन बाहर रहकर भूखे मरने से अच्छा है कि हम पैदल अपने गांव पहुंच जाय। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन मजदूरों को नायब तहसीलदार और अन्य राजस्व कर्मियों ने देखा फिर भी रोकने का प्रयास नहीं किया गया। इस संबंध में एसडीएम खड्डा देशदीपक सिंह ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं मिली वरना इन्हें जरुर रोका जाता। अब दिखवाता हूं।