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मुआवजे में मिलने वाली रकम पर लगने वाले टैक्स को खत्म करने का निर्णय ले केंद्र : हाईकोर्टBy Live-Hindustan

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सड़क हादसे में पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे के ब्याज पर आयकर लगाए जाने के प्रावधान को खत्म करने के बारे में उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने मुआवजा पर मिलने वाले ब्याज को कर मुक्त करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
जस्टिस एस. मुरालीधर और आईएस मेहता की पीठ ने वित्त मंत्रालय और सीबीडीटी को 30 जून तक याचिका को पूरक प्रतिवेदन मानते हुए समुचित निर्णय लेने को कहा है। इससे पहले याचिकाकर्ता ने दिसंबर, 2018 में सरकार को प्रतिवेदन देकर इस प्रावधान को खत्म करने की मांग की थी। पीठ ने मंत्रालय और सीबीडीटी को निर्णय लेने से पहले याचिकाकर्ता व पेशे से अधिवक्ता अमित साहनी का पक्ष सुनने और विस्तृत आदेश पारित करने का आदेश दिया है।

याचिका में क्या कहा गया :
साहनी ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि सड़क हादसा के पीड़ितों को मिलने वाला मुआवजा आयकर कानून के तहत कर योग्य नहीं है। ऐसे में मोटर दुर्घटना दावे के तहत ब्याज को भी कर मुक्त किया जाना चाहिए। अधिवक्ता साहनी ने याचिका में दावा किया कि बीमा कंपनियां मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) द्वारा अपने फैसले में सुनाई गई मुआवजे की राशि पर बने ब्याज पर आयकर अधिनियम -1961 के तहत टीडीएस काट लेती हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि मोटर वाहन अधिनियम- 1988 के तहत दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के फैसले में मुआवजा पीड़ित की संभावित आय के नुकसान की भरपाई का विकल्प होता है और ज्यादातर मामलों में यह उसकी आय का गुणक होता है।