
बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की पहचान को लेकर स्वस्थ्य विभाग के द्वारा जांच की सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। अगले एक सप्ताह में प्रतिदिन पांच हजार सैम्पल की जांच करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार में प्रवासियों के आगमन के बाद उनकी सेहत की जांच को लेकर स्वस्थ्य संसाधनों में लगातार वृद्धि की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 7 पुराने और 13 नए जिलों में जांच की सुविधा प्रदान की गई है। इसके साथ ही नए जांच केंद्रों की स्थापना और पुराने जांच केंद्रों की क्षमता को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। 30 मई तक पांच हजार सैम्पल की जांच प्रतिदिन की जाने लगेगी।
बिहार में अभी तीन हजार सैम्पल की जांच प्रतिदिन की जा रही है। राज्य के 7 प्रमुख अस्पताल सहित आरएमआरआई, पटना में एक हजार प्रतिदिन सैम्पलों की जांच की जा रही थी। वहीं, 15 ट्रू नेट मशीनों को 13 जिलों में स्थापित किये जाने के बाद जांच की क्षमता बढ़कर तीन हजार हो गयी है। अभी इसके बावजूद करीब तीन हजार सैम्पल जांच की प्रक्रिया में रुके रहते हैं। लंबित जांच की प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए आरएमआरआई में तीन शिफ्ट में कोरोना की जांच की जा रही है। वहीं , आईजीआइएमएस में 8 नई जांच मशीन लगाने की दिशा में भी पहल की गई है। इससे जांच की क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।
सभी जिलों में कोरोना जांच की सुविधा होगी
स्वस्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में कोरोना जांच की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए सभी जिला अस्पतालों में आधारभूत संरचना का विकास किया जा रहा है। ट्रू नेट मशीन के अतिरिक्त अन्य जांच के उपकरणों का उपयोग इन अस्पतालों में किया जाएगा।