बक्शी बांध के किनारे उत्तर रेलवे की जमीन पर बने दर्जनों मकान मंगलवार को ढहा दिए गए। मकानों के ध्वस्तीकरण से पहले जबर्दस्त विरोध हुआ। महिलाएं भी विरोध में कूद पड़ीं। हालात बेकाबू होने लगा तो रेलवे दस्ते के साथ गई फोर्स ने लाठीचार्ज किया। फोर्स के तेवर देख विरोध अचानक समाप्त हुआ तो ध्वस्तीरण शुरू हुआ।

दस्ते ने विरोध करने वालों को हटाया तो लगभग 12 बजे चिन्हित मकानों से सामान निकालना शुरू हुआ। घरों से सामान निकाले जाने के बाद ध्वस्तीकरण शुरू हुआ। शाम सात बजे तक चले ध्वस्तीकरण में उत्तर रेलवे की भूमि पर पांच दर्जन मकान तोड़ दिए गए। रेलवे का दस्ता बक्शी बांध के दोनों तरफ मकानों को तोड़ना चाहता था लेकिन जेसीबी खराब होने के कारण आगे की कार्रवाई रोक दी गई।

तीन पीढ़ियों से इस जमीन पर पक्का और कच्चा मकान बनाकर रहने वालों को उत्तर रेलवे प्रशासन ने बीते 24 जुलाई को ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया था। 90 परिवारों को मिले नोटिस में 26 जुलाई तक घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था। ध्वस्तीकरण रोकने के लिए नागरिक संघर्ष मोर्चा ने मकान में रहने वालों के साथ सभी नेताओं-अफसरों के पास गुहार लगाई थी। रेलवे सूत्रों का कहना था कि बचे हुए चिन्हित मकानों को भी तोड़ेंगे।

सांसद, डीआरएम से गुहार भी काम न आई

प्रयागराज। बक्शीबांध के पास उत्तर रेलवे की जमीन पर चिन्हित मकानों को बचाने के लिए लोगों ने फूलपुर की सांसद केशरी देवी पटेल और इलाहाबाद मंडल के डीआरएम अमिताभ से मदद की गुहार लगाई थी। नागरिक संघर्ष मोर्चा की अगुवाई में लोग बीते रविवार को सांसद से उनके आवास पर मिले थे। सांसद के निर्देश पर लोगों ने सोमवार को डीआरएम से उनके कार्यालय में मुलाकात की। लोग सांसद और डीआरएम से वैकल्पिक व्यवस्था होने तक ध्वस्तीकरण स्थगित करने की मांग की थी।