तेलांगना में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन धनबाद पहुंच चुकी है। हजारों मजदूर अपने-अपने घर पहुंच गए। लेकिन धनबाद में भी तेलांगना के सात ऐसे लोग हैं, जो ट्रेनों में घूमकर जड़ी-बूटी से बनी दवाइयां बनाते थे। पिछले 50 दिनों से वह कच्छी बलिहारी स्टेशन के समीप प्लास्टिक की झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं।

तेलांगना के रहनेवाले टेकू श्रीनिवास ने बताया कि हम ट्रेनों में दवाई बेचकर अपना जीवन चलाते हैं, लेकिन लॉकडाउन में फंस गए हैं। हमारे पास जितने पैसे थे सभी खत्म हो गए हैं। हम हर जगहर वापस भेजने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। मेरे साथ छह और लोग फंसे हुए हैं। आंधी-बारिश आने पर इस प्लास्टिक की झोपड़ी में रहना मुश्किल हो जाता है। हमालोगों के पास अब खाने तक के पैसे नहीं है। इधर स्थानीय पार्षद देवाशीष पासवान ने डीसी को पत्र लिखकर इन मजदूरों को वापस भेजने की मांग की है। इससे पहले पार्षद द्वारा इनलोगों के लिए कच्चा राशन उपलब्ध कराया गया।