
लॉकडाउन होने से बच गईं परीक्षाएं जल्द शुरू होनी हैं। लॉकडाउन के कारण दो महीने से घरों तक सीमित रह गए विद्यार्थियों के लिए यह समय दोहरे मानसिक तनाव वाला होगा। स्कूलबंदी के कारण इस वक्त विद्यार्थी ई-माध्यमों से पढ़ाई कर रहे हैं। नए तरह से पढ़ने और परीक्षा देने का उनका यह पहला अनुभव होगां। आइए जानते हैं कि कौन से तरीके अपनाकर अभिभावक बच्चों को इस चुनौती के लिए तैयार कर सकते हैं।
बच्चों पर दोहरे दवाब को समझें-
अमेरिकी एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की सलाह है कि इस वक्त अभिभावक बच्चों के भावनात्मक व्यवहार को जांचते रहें। लॉकडाउन से आपके घर में जो आर्थिक व स्वास्थ्य परेशानियां आयी होंगी, उससे बच्चे भी अछूते नहीं होंगे। ऐसे समय में एग्जाम फीवर उनके लिए दोहरा तनाव साबित हो सकता है। जरूरी है कि बच्चों की हर बात ध्यान से सुनें। परीक्षा के लिए तैयारी कराते समय ध्यान रखें कि वे असाधारण वातावरण में परीक्षा देंगे।
आखिरी दिनों की तैयारी में ये रहे ध्यान-
हाइड्रेडेट रखें-
तनाव में अगर बच्चा कम खाना व पानी ले रहा है तो उसे समझाएं कि इस तरह उसका तनाव बढ़ेगा। गर्मी होने के कारण उसे हल्का व पौष्टिक भोजन दें, पेय पदार्थ ज्यादा खिलाएं। पानी पीते रहने से तनाव का स्तर घटेगा। कई वैज्ञानिक शोध से यह पता लग चुका है कि पानी पीते रहने और पौष्टिक भोजन करने से शरीर में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन नियंत्रित रहते हैं। शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं इसलिए उसके साथ खेलें या व्यायाम कराएं।
स्वच्छता नियम-
परीक्षा के समय बच्चा बीमार न हो इसके लिए उसे सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में समझाते रहें। इसे भी परीक्षा संबंधी रणनीति का हिस्सा ही माने क्योंकि बच्चा असाधारण समय में परीक्षा देने जा रहा है, जो महत्वपूर्ण होगा।
मनोबल बढ़ाएं-
बच्चे को बताएं कि आप उनपर ज्यादा नंबर लाने जैसा कोई बोझ नहीं डाल रहे हैं। आप सिर्फ चाहते हैं कि वे पूरे आत्मविश्वास और ईमानदारी के साथ परीक्षा दें। उन्हें बताएं कि लॉकडाउन व स्कूलबंदी का असर उनके दोस्तों पर भी पढ़ रहा होगा, इस डर को हावी नहीं होने देना है।
लक्ष्य तय करें-
हर दिन अभिभावक अपने बच्चे के साथ बैठकर दिनभर के लक्ष्य तय कराएं, जैसे वह कौन सा विषय तैयार करेगा। कौन से टॉपिक के लिए उसे टीचर या दोस्तों से सलाह लेनी है। कितने समय में ब्रेक लेकर आराम करना है और कब मनोरंजन करना है।
समय प्रबंधन-
अमेरिकी संगठन ‘नेशनल एसोसिएशन फॉर स्कूल साइकोलॉजिस्ट’ के अनुसार, परीक्षा से पहले के एक सप्ताह में सही समय प्रबंधन जरूरी है, इससे उनका अतिरिक्त तनाव खत्म हो जाएगा। इससे वे अच्छी तरह फोकस कर पाएंगे, भूलेंगे नहीं और हड़बड़ी में कोई जरूरी टॉपिक नहीं छूटेगा।
शिक्षकों के लिए सलाह -
विद्यार्थियों को एग्जाम हॉल में अपनाए जाने वाले स्वच्छता प्रोटोकॉल की जानकारी दें।
-ई माध्यम से परीक्षा होनी हो तो विद्यार्थी को उस तकनीकी के बारे में पहले से परिचित कराएं।
-विद्यार्थियों के लिए खुद को सुगम बनाएं ताकि वे बिना झिझके समस्या पूछ सकें।