भागलपुर से आनंद विहार के बीच चलने वाली विक्रमशिला ट्रेन का शनिवार को सालगिरह मनाई गयी। इस मौके पर डीआरएम यतेंद्र कुमार ने केक काटा। यात्रियों को गुलाब का फूल देकर सकुशल यात्रा की शुभकामनाएं दी।

सात मार्च 1977 को विक्रमशिला एक्सप्रेस भागलपुर से दिल्ली के लिए पहली बार चली थी। भागलपुर-किऊल रेलखंड की यह सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन मानी जाती है। डीआरएम सहित अन्य अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। यात्रियों को केक भी खिलाया गया। विक्रमशिला ट्रेन को फूल से सजाया गया था। डीआरएम ने कहा कि विक्रमशिला इस रूट की ऐतिहासिक ट्रेन है। अन्य ट्रेनों की भी सालगिरह मनाने की भी योजना है। इस मौके पर जेडआरयूसीसी सदस्य अभय वर्मन, सीआईटी आरएन पासवान, मुख्य यार्ड मास्टर प्रमोद कुमार आदि उपस्थित थे।

विक्रमशिला को चलाना गर्व की बात
सालगिरह के दिन विक्रमशिला ट्रेन के मुख्य चालक उमेश पंडित और सह चालक रवि कुमार थे। उमेश ने बताया कि वह 10 साल से इस ट्रेन को चला रहे हैं। सह चालक रवि ने कहा कि वह तीन साल से विक्रमशिला चला रहा है। विक्रमशिला ट्रेन को लेकर आयोजित कार्यक्रम अच्छा लग रहा है।

ट्रेन में कम थी भीड़
शनिवार को ट्रेन को सजाकर रवाना किया गया लेकिन यात्रियों की संख्या आम दिनों की तुलना में कम थी। एसी फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड में वेटिंग लिस्ट नहीं थी। स्लीपर क्लास में 52 वेटिंग था। एसी और स्लीपर में इस ट्रेन में लंबा वेटिंग रहता था।