कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देख अंतिम निवास तक जनाजे को ले जाने के लिए अपनों और पड़ोसी का साथ नहीं मिल रहा है। देश में लॉकडाउन के बाद लोग सामान्य मौत पर भी कंधा देने में परहेज कर रहे हैं। गुरुवार को नोएडा और गाजियाबाद के श्मशान घाटों पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला।

सेक्टर-94, सेक्टर-71, भंगेल, बहलोलपुर समेत अनेक शमशान घाट पर अंतिम संस्कार कराते समय बहुत भीड़ रहती थी। मृतक परिवार के परिजनों, नाते-रिश्तेदारों के अलावा पड़ोसियों की भीड़ अहम होती थी। घर से चौराहे तक और मोक्षस्थली पर वाहन से शवदाह गृह तक यही लोग अर्थी को कंधा देते हैं।

सेक्टर-94 शमशान घाट के संचालक अशोक शर्मा ने बताया कि 21 मार्च से अंतिम संस्कार में 10 से अधिक लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और उन्हें बाहर ही रोका जा रहा है। इसके अलावा शमशान घाट से तीन गाड़ियां संचालित की जा रही हैं, जिनकी मदद से शवों को विभिन्न सेक्टरों से अंतिम निवास स्थल तक लाया जा रहा है। सेक्टर-94 शमशान घाट में 21 मार्च से अब तक 48 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। इसमें संक्रमित कोई नहीं था।

श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए आये महावीर गुप्ता ने बताया कि 80 वर्षीय मां का हृदयगति रुकने से बुधवार रात देहांत हो गया था। संक्रमण के चलते अमेरिका में रहने वाला भाई नहीं पहुंच सका। लॉकडाउन के चलते अन्य रिश्तेदार भी घर नहीं आए।

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